SAD SHAYARI

SAD SHAYARI 






नम रहती थी जो आखें।।
समय ने सुष्क उनको कर दिया।।
जो सुन ही ना पाए हमारे दिल की।।
उनको हमने देखना ही बंद कर दिया💔💔



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इस भीड़ में हमको ये ही नहीं मालूम हमको किसने अपना माना है♥ 🥀



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नम रहती थी जो आखें।।
समय ने सुष्क उनको कर दिया।।
जो हुआ करता था कोमल दिल।।
चोट दे देकर उसको पत्थर कर दिया। 🖤🥀

















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