SAD SHAYARI
चुप रहना इतना पसंद आने लगा है
अब लिखा हुआ भी शोर लगता है।।💔💔
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चेहरे पे कितने चेहरे होते हैं लोग अंदर से कितने गहरे होते है।।
कुछ झूठ का नकाब पहने होते हैं।।कुछ सच ओढ़े बस ठहरे होते हैं। 🖤
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इल्ज़ाम अपने सर लेकर ।।
किस्मत को कोन दोष देगा।।।
हाथो मै थी जो डोर।।
छूट गई वो मुझसे।।
अब मुझे सजा कोन देगा 🤧🤧
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